कर्नाटक में अंग्रेज़ी राज की स्थापना : अंग्रेज़ वि. फ्रां​सीसी

Bharat Choudhary Reply 8:04:00 pm
17वीं—18वीं शताब्दी का दौर भारत में युरोपीय कंपनीयों की स्थापना का दौर था। अंग्रेज़ों ने जहां बंगाल में अपनी स्थिति सुदृढ़ की वहीं फ्रांसीसीयों ने कर्नाटक को चुना किंतु शक्ति—सामर्थ्य की सर्वोच्चता की होड़ ने अंतत: उन्हे युद्धभूमि में आमने—सामने ला खड़ा किया। इसी की परिणती थी, कर्नाटक के युद्ध। 1746 से 1763 के मध्य दोनों शक्तियों में तीन महत्त्वपूर्ण युद्ध हुए, यथा —  

1. प्रथम कर्नाटक युद्ध (1746—1748); 
2. द्वितीय कर्नाटक युद्ध (17496—1754); तथा 
3. तृतीय कर्नाटक युद्ध (1758—1763)



1. प्रथम कर्नाटक युद्ध (1746—1748): 

तत्कालीन दक्षिण भारतीय राजनीति और प्रभाव विस्तार की अकांक्षा से उत्पन्न परिस्थितियों ने कर्नाटक को आंग्ल—फ्रांसीसी संघर्ष की रणभूमि बना दिया। कई इतिहासकार इसे 1740 ई. में आरंभ आॅस्ट्रिया के उत्तराधिकार (War of the Austrian Succession) के युद्ध का विस्तारमात्र मानते है। उल्लेखनीय है कि इस दौर में अंतर्राष्ट्रीय परिदृष्य में आॅस्ट्रिया को लेकर अंग्रेज़ों और फ्रां​सीसियों के मध्य संघर्ष चल रहा था।

  • भारत में फ्रांसीसी गवर्नर डूप्ले ने सन् 1741 में मॉरिशस के गवर्नर लॉ बूर्डोनो की स​हायता से कोरोमंडल तट की ओर से मद्रास को अधिकृत (Siege of Madras) करने का प्रयास किया गया तथा इस कार्यवाही में मद्रास के अं​ग्रेजी अधिकारियों को आत्मसमर्पण करने पर मजबूर किया गया जिनमें 'क्लाइव' भी शामिल था।
  • इस युद्ध ​का तत्कालिक कारण अंग्रेज़ों (सैन्य अधिकारी बार्नेट) द्वारा कुछ फ्रांसीसी जलयानों को कब्जे में लेना था।
  • तत्कालीन बस्तियां -

तत्कालीन फ्रांसीसी बस्तियां
तत्कालीन अंग्रेज़ बस्तियां
पाण्डिचेरी (मुख्य कार्यालय), मसूलीपट्टनम, कारिकल, माहि, सूरत तथा चंद्रनगर

मद्रास, बंबई तथा कलकत्ता

  • मद्रास के अधिग्रहण ने डूप्ले (Dupleix) और लॉ बोर्डिनो (La Bourdonnais) के मध्य अंतर्विरोध पैदा कर दिया। डूप्ले चाहता था कि मद्रास को कर्नाटक के नवाब को लौटाया जाए क्योंकि उन्होने उसकी सामाओं का अतिग्रमण किया है जबकि लॉ बोर्डिनो मद्रास को अंग्रेजों को लौटाना चाहता था। 
  • इसी अंतर्द्वंद्व के बीच कर्नाटक के नवाब अनवरूद्दीन ने महफूज खां के नेतृत्व में फ्रांसीसियों पर आक्रमण किया किंतु नवाब पराजित हुआ।
  • इस घटना को इतिहास में सेंट टोमे के युद्ध (Battle of St Thome, 4 November 1746) के नाम से जाना जाता है।
  • प्रथम कर्नाटक युद्ध सन् 1748 में आॅस्ट्रिया में 'एक्स—ला—शैपेल (Aix-la-Chapelle - वर्तमान में यह स्थल जर्मनी की सीमा में है) की संधि' जिसे 'एकेन की संधि (Treaty of Aachen)' के नाम से भी जाना जाता है, के परिणामस्वरूप समाप्त हो गया तथा मद्रास अंग्रेजों को पुन: प्राप्त हो गया।

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